मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन By Sher << ख़ुद को कभी न देखा आईने ह... पा कर भी तो नींद उड़ गई थ... >> मैं क़त्ल तो हो गया तुम्हारी गली में लेकिन मिरे लहू से तुम्हारी दीवार गल रही है Share on: