मैं किस यक़ीन से लिक्खा गया हूँ मिट्टी पर By Sher << ख़ूब इतना था कि दीवार पकड... ख़ुद को बचाऊँ जिस्म सँभाल... >> मैं किस यक़ीन से लिक्खा गया हूँ मिट्टी पर वो कौन है जो मिरे सिलसिले की ढाल बना Share on: