मैं क्या दिखाई देती नहीं बुलबुलों को भी By Sher << ज़रा नक़ाब-ए-हसीं रुख़ से... मान मौसम का कहा छाई घटा ज... >> मैं क्या दिखाई देती नहीं बुलबुलों को भी पहने तो ऐसे मिल गए तेरे बदन में फूल Share on: