मैं ने हँसने की अज़िय्यत झेल ली रोया नहीं By Sher << ज़िंदगी सुंदर ग़ज़ल है दो... या दिल है मिरा या तिरा नक... >> मैं ने हँसने की अज़िय्यत झेल ली रोया नहीं ये सलीक़ा भी कोई आसान जीने का न था Share on: