मैं ने पहुँचाया उसे जीत के हर ख़ाने में By Sher << तुम से मिलने का बहाना तक ... मेरे हाथों से खिलौने छीन ... >> मैं ने पहुँचाया उसे जीत के हर ख़ाने में मेरी बाज़ी थी मिरी मात समझता ही नहीं Share on: