मैं तेरे ज़िक्र की वादी में सैर करता रहूँ By Sher << वस्ल नुक़सान कर गया मेरा जाने अंदर क्या हुआ मैं शो... >> मैं तेरे ज़िक्र की वादी में सैर करता रहूँ हमेशा लब पे तिरे नाम की मिठास रहे Share on: