मैं तो हर हर ख़म-ए-गेसू की तलाशी लूँगा By Sher << न निकलेगा दिल उस के गेसू ... इस ज़िंदगी में इतनी फ़राग... >> मैं तो हर हर ख़म-ए-गेसू की तलाशी लूँगा कि मिरा दिल है तिरे गेसू-ए-ख़मदार के पास Share on: