मैं तो ख़ुद बिकने को बाज़ार में आया हुआ हूँ By Sher << मिरी निगाह में कुछ और ढूँ... वही सफ़्फ़ाक हवाओं का सदफ... >> मैं तो ख़ुद बिकने को बाज़ार में आया हुआ हूँ और दुकाँ-दार ख़रीदार समझते हैं मुझे Share on: