मैं तो शब-ए-फ़िराक़ था तुम एक उम्र थी By Sher << मुझ से कब उस को मोहब्बत थ... कुछ इस लिए भी तिरी आरज़ू ... >> मैं तो शब-ए-फ़िराक़ था तुम एक उम्र थी फिर भी ज़ियादा तुम से गुज़ारा गया मुझे Share on: