मैं तो था मौजूद किताब के लफ़्ज़ों में By Sher << गर्म आँसू और ठंडी आहें मन... जुनूँ की चाक-ज़नी ने असर ... >> मैं तो था मौजूद किताब के लफ़्ज़ों में वो ही शायद मुझ को पढ़ना भूल गया Share on: