मैं उस की चश्म का बीमार-ए-ना-तवाँ हूँ तबीब By Sher << मैं उस की दस्तरस में हूँ ... इक़रार में कहाँ है इंकार ... >> मैं उस की चश्म का बीमार-ए-ना-तवाँ हूँ तबीब जो मेरे हक़ में मुनासिब हो वो दवा ठहरा Share on: