मैं उस के झूट को भी सच समझ के सुनता हूँ By Sher << माहौल सब का एक है आँखें व... चुरा के मुट्ठी में दिल को... >> मैं उस के झूट को भी सच समझ के सुनता हूँ कि उस के झूट में भी ज़िंदगी की क़ुव्वत है Share on: