मैं उस के वादे का अब भी यक़ीन करता हूँ By Sher << छोटी पड़ती है अना की चादर समेट लो मुझे अपनी सदा के ... >> मैं उस के वादे का अब भी यक़ीन करता हूँ हज़ार बार जिसे आज़मा लिया मैं ने to this day her promises i do still believe who a thousand times has been wont to deceive Share on: