मैं उस की बातों में ग़म अपना भूल जाता मगर By Sher << तू मेरे सज्दों की लाज रख ... मिल ही जाएगी कभी मंज़िल-ए... >> मैं उस की बातों में ग़म अपना भूल जाता मगर वो शख़्स रोने लगा ख़ुद हँसा हँसा के मुझे Share on: