मैं वो टूटा हुआ तारा जिसे महफ़िल न रास आई By Sher << ये क्या हुआ कि अब तुझी से... वो शम्अ नहीं हैं कि हों इ... >> मैं वो टूटा हुआ तारा जिसे महफ़िल न रास आई मैं वो शोला जो शब भर आँख के पानी में रहता है Share on: