मज़ा है अहद-ए-जवानी में सर पटकने का By Sher << सितम तो ये है कि मैं ने उ... कुछ नहीं चाहिए तुझ से ऐ म... >> मज़ा है अहद-ए-जवानी में सर पटकने का लहू में फिर ये रवानी रहे रहे न रहे Share on: