मज़े में अब तलक बैठा मैं अपने होंठ चाटूँ हूँ By Sher << मेहनत पे टुक नज़र कर सूरत... मौसम-ए-होली है दिन आए हैं... >> मज़े में अब तलक बैठा मैं अपने होंठ चाटूँ हूँ लिया था ख़्वाब में बोसा जो यक शब सेब-ए-ग़बग़ब का Share on: