मकाँ अंदर से ख़स्ता हो गया है By Sher << फ़िराक़ मौसम की चिलमनों स... दिल सुलगता है तिरे सर्द र... >> मकाँ अंदर से ख़स्ता हो गया है और इस में एक रस्ता हो गया है Share on: