माना जीवन में औरत इक बार मोहब्बत करती है By Sher << मैं तेरी मंज़िल-ए-जाँ तक ... दे के दिल उस के हाथ अपने ... >> माना जीवन में औरत इक बार मोहब्बत करती है लेकिन मुझ को ये तो बता दे क्या तू औरत ज़ात नहीं Share on: