मानूस रौशनी हुई मेरे मकान से By Sher << बे-वज्ह मोहब्बत से नहीं ब... क़ुव्वत-ए-तामीर थी कैसी ख... >> मानूस रौशनी हुई मेरे मकान से वो जिस्म जब निकल गया रेशम के थान से Share on: