मर्ग-ए-दुश्मन का ज़ियादा तुम से है मुझ को मलाल By Sher << मा'रका है आज हुस्न ओ ... मैं मर गया तो ख़ाक भी उन ... >> मर्ग-ए-दुश्मन का ज़ियादा तुम से है मुझ को मलाल दुश्मनी का लुत्फ़ शिकवों का मज़ा जाता रहा Share on: