मरहम-ए-हिज्र था अजब इक्सीर By Sher << उम्र का लम्बा हिस्सा कर क... ग़लती-हा-ए-मज़ामीं मत पूछ >> मरहम-ए-हिज्र था अजब इक्सीर अब तो हर ज़ख़्म भर गया होगा Share on: