मरकज़-ए-जाँ तो वही तू है मगर तेरे सिवा By Sher << क़िस्से से तिरे मेरी कहान... मैं ठहरता गया रफ़्ता रफ़्... >> मरकज़-ए-जाँ तो वही तू है मगर तेरे सिवा लोग हैं और भी इस याद पुरानी में कहीं Share on: