मस्जिद वहशत में पढ़ता है तरावीह-ए-जुनूँ By Sher << कोई ऐसी दवा दे चारा-गर कभी तुम मोम हो जाते हो जब... >> मस्जिद वहशत में पढ़ता है तरावीह-ए-जुनूँ मुसहफ़ हुस्न-ए-परी-रुख़्सार जिस कूँ याद है Share on: