मसरूर-ओ-मुतमइन हैं बहुत ताजिरान-ए-वक़्त By Sher << दिल तोड़ दिया उस ने ये कह... कहते हैं इश्क़ का अंजाम ब... >> मसरूर-ओ-मुतमइन हैं बहुत ताजिरान-ए-वक़्त क्या ज़िंदगी के ख़्वाब भी नीलाम हो गए Share on: