मत तंग हो करे जो फ़लक तुझ को तंग-दस्त By Sher << हम क़रीब आ कर और दूर हुए मंज़िलें सम्तें बदलती जा ... >> मत तंग हो करे जो फ़लक तुझ को तंग-दस्त आहिस्ता खींचिए जो दबे ज़ेर-ए-संग दस्त Share on: