मौत ही आप के बीमार की क़िस्मत में न थी By Sher << आह करता हूँ तो आते हैं पस... दैर ओ काबा से जो हो कर गु... >> मौत ही आप के बीमार की क़िस्मत में न थी वर्ना कब ज़हर का मुमकिन था दवा हो जाना Share on: