मय-कशी गर्दिश-ए-अय्याम से आगे न बढ़ी By Sher << पत्थरो आज मिरे सर पे बरसत... जिस ने भी मुझे देखा है पत... >> मय-कशी गर्दिश-ए-अय्याम से आगे न बढ़ी मेरी मदहोशी मिरे जाम से आगे न बढ़ी Share on: