मेरा ही ख़त उस शोख़ ने भेजा मिरे आगे By Sher << मैं तिरी राह-ए-तलब में ब-... इस जहाँ से गुज़र गए लाखों >> मेरा ही ख़त उस शोख़ ने भेजा मिरे आगे आख़िर जो लिखा था वही आया मिरे आगे Share on: