मेरा साया भी बढ़ गया मुझ से By Sher << दिल से आख़िर चराग़-ए-वस्ल... लहू रुलाते हैं और फिर भी ... >> मेरा साया भी बढ़ गया मुझ से इस सलीक़े से घट गया हूँ मैं Share on: