मेरे हर एक सच पे उन्हें झूट का गुमाँ By Sher << लोग क़िस्मत पे छोड़ देते ... आँख उठा के मेरी सम्त अहल-... >> मेरे हर एक सच पे उन्हें झूट का गुमाँ करता है बद-गुमान ख़ुदा ख़ैर ही करे Share on: