मेरे क़ाबू में न पहरों दिल-ए-नाशाद आया By Sher << मिरी बंदगी से मिरे जुर्म ... मा'रका है आज हुस्न ओ ... >> मेरे क़ाबू में न पहरों दिल-ए-नाशाद आया वो मिरा भूलने वाला जो मुझे याद आया Share on: