मेरे रस्ते में जो रौनक़ थी मेरे फ़न की थी By Sher << हमारे उन के तअल्लुक़ का अ... बदले हैं ज़माने ने ख़द-ओ-... >> मेरे रस्ते में जो रौनक़ थी मेरे फ़न की थी मेरे घर में जो अंधेरा था मेरा अपना था Share on: