मेरे सुर्ख़ लहू से चमकी कितने हाथों में मेहंदी By Sher << लोग कहते हैं रात बीत चुकी रात भर उन का तसव्वुर दिल ... >> मेरे सुर्ख़ लहू से चमकी कितने हाथों में मेहंदी शहर में जिस दिन क़त्ल हुआ मैं ईद मनाई लोगों ने Share on: