मिला था हिज्र के रस्ते में सुब्ह की मानिंद By Sher << तुम्हारी याद बढ़ी और दिल ... मेरी आँखों में ख़्वाब हैं... >> मिला था हिज्र के रस्ते में सुब्ह की मानिंद बिछड़ गया था मुसाफ़िर से रात होने तक Share on: