मिलने को है खमोशी-ए-अहल-ए-जुनूँ की दाद By Sher << दम ग़नीमत है सालिको मेरा दिल आबाद कहाँ रह पाए उस क... >> मिलने को है खमोशी-ए-अहल-ए-जुनूँ की दाद उठने को है ज़मीं से धुआँ देखते रहो Share on: