मिलते हैं इस अदा से कि गोया ख़फ़ा नहीं By Sher << मुझ को देखो मिरे मरने की ... मिरा इश्क़ भी ख़ुद-ग़रज़ ... >> मिलते हैं इस अदा से कि गोया ख़फ़ा नहीं क्या आप की निगाह से हम आश्ना नहीं Share on: