मिरा कुछ हाल कह कर ज़िक्र-ए-मजनूँ करते हैं आशिक़ By Sher << न पोंछो मेरे आँसू तुम न प... मैं ने यूसुफ़ जो कहा क्यू... >> मिरा कुछ हाल कह कर ज़िक्र-ए-मजनूँ करते हैं आशिक़ किताब-ए-आशिक़ी में अपना क़िस्सा पेश-ख़्वानी है Share on: