मिरे हाथ में तिरे नाम की वो लकीर मिटती चली गई By Sher << मैं तेरे क़रीब आते आते मेरी मानिंद ख़ुद-निगर तन्... >> मिरे हाथ में तिरे नाम की वो लकीर मिटती चली गई मिरे चारा-गर मिरे दर्द की ही वज़ाहतों में लगे रहे Share on: