मिरे हमराह गरचे दूर तक लोगों की रौनक़ है By Sher << परिंदा जानिब-ए-दाना हमेशा... मैं दरिया हूँ मगर बहता हू... >> मिरे हमराह गरचे दूर तक लोगों की रौनक़ है मगर जैसे कोई कम है कभी मिलने चले आओ Share on: