मिरे क़त्ल पर तुम ने बीड़ा उठाया By Sher << परों को खोल दे ज़ालिम जो ... तेरी सूरत से किसी की नहीं... >> मिरे क़त्ल पर तुम ने बीड़ा उठाया मिरे हाथ का पान खाया तो होता Share on: