मिरे सूरज आ! मिरे जिस्म पे अपना साया कर By Sher << वो सुब्ह-ए-ईद का मंज़र ति... जुर्म में हम कमी करें भी ... >> मिरे सूरज आ! मिरे जिस्म पे अपना साया कर बड़ी तेज़ हवा है सर्दी आज ग़ज़ब की है Share on: