मिरे वजूद को परछाइयों ने तोड़ दिया By Sher << ग़ुर्बत का एहसान था हम पर हादसों के ख़ौफ़ से एहसास ... >> मिरे वजूद को परछाइयों ने तोड़ दिया मैं इक हिसार था तन्हाइयों ने तोड़ दिया Share on: