मिरी बहार में आलम ख़िज़ाँ का रहता है By Sher << ये तो मुमकिन नहीं मोहब्बत... हम 'मुसहफ़ी' ब-कु... >> मिरी बहार में आलम ख़िज़ाँ का रहता है हुआ जो वस्ल तो खटका रहा जुदाई का Share on: