मिरी जानिब को करवट ले के गर मुझ से लिपट जाओ By Sher << वो क़ुलक़ुल-ए-मीना में चर... इक बीमार वसिय्यत करने वाल... >> मिरी जानिब को करवट ले के गर मुझ से लिपट जाओ अभी देने लगे मिरी तरह तुम को दुआ करवट Share on: