मिरी नज़र में है अंजाम इस तआक़ुब का By Sher << जब ज़रा रात हुई और मह ओ अ... हुई हैं दैर ओ हरम में ये ... >> मिरी नज़र में है अंजाम इस तआक़ुब का जहाँ भी दोस्ती जाती है दुश्मनी जाए Share on: