मिरी तन्हाइयों को कौन समझे By Sher << जगह बदलने से हैअत कहाँ बद... मिरी बे-ज़बान आँखों से गि... >> मिरी तन्हाइयों को कौन समझे मैं साया हूँ मगर ख़ुद से जुदा हूँ Share on: