मिस्ल-ए-आईना है उस रश्क-ए-क़मर का पहलू By Sher << नज़्अ' में गर मिरी बा... ग़फ़लत में फ़र्क़ अपनी तु... >> मिस्ल-ए-आईना है उस रश्क-ए-क़मर का पहलू साफ़ इधर से नज़र आता है उधर का पहलू Share on: