मोहब्बत जुर्म है तो फिर सज़ा भी एक जैसी हो By Sher << बैठता है हमेशा रिंदों में तमाम उम्र की बे-ताबियों क... >> मोहब्बत जुर्म है तो फिर सज़ा भी एक जैसी हो कोई रुस्वा कोई मशहूर हो ऐसा नहीं होता Share on: