मोहब्बत रही चार दिन ज़िंदगी में By Sher << गले में तू ने वहाँ मोतियो... यहाँ से चारों तरफ़ रास्ते... >> मोहब्बत रही चार दिन ज़िंदगी में रहा चार दिन का असर ज़िंदगी भर Share on: